Palak Mata Pita Yojana 2025: हर माँ-बाप की ख्वाहिश होती है कि वे अपने बच्चों को अच्छी परवरिश और शिक्षा दें। मगर कभी-कभी नियति की मार ऐसी पड़ती है कि बच्चों को कम उम्र में ही माता-पिता का साया खोना पड़ता है। ऐसे में उनके सामने पढ़ाई, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी चुनौती बन जाता है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार ने पालक माता-पिता योजना शुरू की है। आइए समझते हैं कि यह योजना कैसे अनाथ बच्चों और उनके संरक्षकों की मदद कर रही है।
पालक माता-पिता योजना क्या है?
गुजरात सरकार की यह योजना अनाथ बच्चों के पालन-पोषण में आर्थिक मदद देने के लिए बनाई गई है। अगर किसी बच्चे के माता-पिता की मृत्यु हो गई है या माँ ने दूसरी शादी कर ली है, तो उस बच्चे की देखभाल करने वाले रिश्तेदार (जैसे चाचा, मामा, दादा-दादी, या कोई अन्य संरक्षक) को प्रतिमाह 3,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे संरक्षक के बैंक खाते में जमा होती है, जिससे बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य और दैनिक जरूरतें पूरी की जा सकें।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- योजना का संचालन समाज न्याय एवं अधिकारिता विभाग करता है।
- आर्थिक सहायता 18 वर्ष तक या बच्चे के स्वावलंबी होने तक मिलती है।
- पैसों का उपयोग स्कूल फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और इलाज में किया जा सकता है।
योजना के मुख्य लाभ
- 3,000 रुपये मासिक सहायता: बच्चे की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद।
- सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर (DBT): भ्रष्टाचार रोकने के लिए राशि सीधे लाभार्थी को मिलती है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा: बच्चे का स्कूल में दाखिला और नियमित चेकअप सुनिश्चित होता है।
- आत्मनिर्भरता: बच्चे को समाज में मजबूती से खड़े होने का मौका मिलता है।
पात्रता शर्तें: कौन ले सकता है लाभ?
- बच्चे की उम्र: 0 से 18 वर्ष के बीच।
- निवास: बच्चा और संरक्षक दोनों गुजरात के स्थायी निवासी हों।
- आय सीमा:
- ग्रामीण क्षेत्र: संरक्षक की सालाना आय 27,000 रुपये से कम।
- शहरी क्षेत्र: सालाना आय 36,000 रुपये से कम।
- शिक्षा अनिवार्यता:
- 3-6 साल के बच्चे का आंगनवाड़ी में दाखिला होना चाहिए।
- 6 साल से बड़े बच्चे का स्कूल में नामांकन जरूरी है।
जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट
- बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र (या माँ के पुनर्विवाह का प्रमाण)
- संरक्षक का आधार कार्ड
- बैंक खाता पासबुक (संरक्षक के नाम पर)
- आय प्रमाणपत्र (तहसीलदार/नगर निगम द्वारा जारी)
- स्कूल/आंगनवाड़ी प्रवेश प्रमाणपत्र
- राशन कार्ड (यदि उपलब्ध हो)
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? 5 आसान स्टेप्स
- वेबसाइट पर जाएँ: ई-समाज कल्याण पोर्टल खोलें।
- लॉगिन/रजिस्टर: नए यूजर को ‘New User’ पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- योजना चुनें: ‘पालक माता-पिता योजना’ का ऑप्शन सेलेक्ट करें।
- फॉर्म भरें: बच्चे और संरक्षक की डिटेल्स, दस्तावेज अपलोड करें।
- सबमिट करें: फॉर्म जमा करने के बाद रसीद प्रिंट कर लें।
नोट: अगर ऑनलाइन आवेदन करने में दिक्कत हो, तो जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय से ऑफलाइन फॉर्म लेकर आवेदन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. क्या बच्चे की माँ के जीवित होने पर भी योजना का लाभ मिल सकता है?
जी हाँ, अगर माँ ने दूसरी शादी कर ली है और बच्चे की देखभाल कोई रिश्तेदार कर रहा है, तो आवेदन किया जा सकता है।
Q2. आवेदन करते समय कितना शुल्क देना पड़ता है?
आवेदन फॉर्म के साथ 10-20 रुपये का नॉमिनल चार्ज लग सकता है।
Q3. क्या बच्चा 18 साल के बाद भी स्कॉलरशिप पा सकता है?
नहीं, योजना का लाभ केवल 18 वर्ष तक या बच्चे के रोजगार पाने तक ही मिलता है।
Q4. अगर बच्चे के दोनों माता-पिता जीवित हैं, तो क्या आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, यह योजना केवल अनाथ या माता-पिता में से किसी एक को खो चुके बच्चों के लिए है।
Q5. राशि कितने दिनों में खाते में आती है?
आवेदन स्वीकृत होने के 45 दिनों के अंदर पहली किस्त जमा हो जाती है।