बिहार के रोहतास में फर्जी उपस्थिति कैश सामने! E-Shikshakosh App दुरुपयोग पर DEO ने 10 शिक्षकों का वेतन रोका, जानें पूरा मामला

E-Shikshakosh App

बिहार के रोहतास जिले में E-Shikshakosh App के जरिए शिक्षकों की फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का बड़ा मामला सामने आया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) की टीम ने करगहर प्रखंड के स्कूलों का औचक निरीक्षण करते हुए पाया कि कई शिक्षक बिना स्कूल आए ऐप पर अपनी उपस्थिति दिखा रहे थे। इस गंभीर अनुशासनहीनता के चलते DEO ने 10 शिक्षकों का तत्काल वेतन रोकने के साथ ही उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की चेतावनी दी है।

कैसे हुआ खुलासा? पूरी जांच प्रक्रिया

  • औचक निरीक्षण: DEO की टीम ने करगहर प्रखंड के स्कूलों में अचानक छापा मारा।
  • ऐप डेटा vs भौतिक उपस्थिति: जाँच में पाया गया कि शिक्षकों ने ऐप पर उपस्थिति दर्ज की थी, लेकिन वे स्कूल में मौजूद नहीं थे।
  • वेतन भुगतान रोका: दोषी पाए गए शिक्षकों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया।

दोषी शिक्षकों के नाम और स्कूलों की लिस्ट

जाँच में पकड़े गए 10 शिक्षकों में शामिल हैं:

  1. मध्य विद्यालय बसतलवा: संतोष कुमार सिंह (शिक्षक)
  2. अकोढ़ी मध्य विद्यालय: खुशबू कुमारी, मयूरी गुप्ता
  3. मध्य विद्यालय शाहमल खैरा: धनंजय पासवान
  4. तोरनी मध्य विद्यालय: दिलीप कुमार
  5. मध्य विद्यालय बकसड़ा: सनी राजवंता
  6. मध्य विद्यालय बिशोडिहरी: प्रधानाध्यापिका मीना देवी

सरकार की सख्त चेतावनी: “अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं”

बिहार शिक्षा विभाग ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए स्पष्ट किया:

  • छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं: फर्जी उपस्थिति से शिक्षा गुणवत्ता और बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है।
  • सभी शिक्षकों के लिए चेतावनी: भविष्य में ऐसे मामलों में सेवा समाप्ति तक की जा सकती है।
  • ई-शिक्षाकोष ऐप का उद्देश्य: शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

E-Shikshakosh App क्या है? यहाँ क्यों हुआ दुरुपयोग?

  • ऐप का उद्देश्य: शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज करना, स्कूलों की मॉनिटरिंग करना।
  • दुरुपयोग की वजह: कुछ शिक्षकों द्वारा ऐप की तकनीकी कमजोरियों का फायदा उठाया गया।
  • विभाग का समाधान: अब बायोमेट्रिक सिस्टम और जीपीएस-आधारित चेक-इन पर विचार।

E-Shikshakosh App क्या है? यहाँ क्यों हुआ दुरुपयोग?

  • ऐप का उद्देश्य: शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज करना, स्कूलों की मॉनिटरिंग करना।
  • दुरुपयोग की वजह: कुछ शिक्षकों द्वारा ऐप की तकनीकी कमजोरियों का फायदा उठाया गया।
  • विभाग का समाधान: अब बायोमेट्रिक सिस्टम और जीपीएस-आधारित चेक-इन पर विचार।

शिक्षकों पर क्या होगा असर? जानें कानूनी प्रक्रिया

  • वेतन रोकना: तत्काल प्रभाव से सैलरी पर रोक।
  • चार्जशीट तैयार: शिक्षा विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू।
  • भविष्य की नौकरी खतरे में: सेवा समाप्ति की चेतावनी के बाद दोबारा दोषी पाए जाने पर नौकरी जा सकती है।

FAQ: पाठकों के सवाल, विशेषज्ञों के जवाब

1. e-शिक्षाकोष ऐप कैसे काम करता है?

शिक्षकों को स्कूल पहुंचकर ऐप पर लॉगिन कर उपस्थिति दर्ज करनी होती है।

2. क्या वेतन रोकने के बाद शिक्षक वापस आ सकते हैं?

हां, अगर जाँच में निर्दोष पाए जाते हैं या अपनी गलती स्वीकार कर क्षमा याचना करते हैं।

3. ऐसे मामलों की रिपोर्ट कैसे करें?

शिक्षा विभाग की हेल्पलाइन (संख्या) या ईमेल पर शिकायत दर्ज कराएं।

निष्कर्ष:

रोहतास का यह मामला शिक्षा व्यवस्था में डिजिटल मॉनिटरिंग की अहमियत को रेखांकित करता है। सरकार की सख्त कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट है: “छात्रों के भविष्य के साथ समझौता नहीं होने दिया जाएगा।” अन्य शिक्षकों को इससे सबक लेकर अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी चाहिए।

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