बिहार सरकार के E-Shikshakosh पोर्टल ने शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव किया है। जून 2024 के अपडेट के अनुसार, अब बच्चे बिना आधार कार्ड के भी पंजीकरण करा सकते हैं। यह निर्णय 12 लाख से अधिक उन बच्चों के लिए वरदान है जो ग्रामीण क्षेत्रों, झुग्गी-झोपड़ियों या प्रवासी मजदूर परिवारों से आते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे यह पोर्टल “शिक्षा के अधिकार” (RTE) को वास्तविकता में बदल रहा है।
E-Shikshakosh पोर्टल क्या है
E-Shikshakosh एक मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल है, जिसे बिहार सरकार ने सरकारी स्कूली बच्चों को डिजिटल तरीके से पढ़ाई करने में मदद देने के लिए बनाया है। इस पर कक्षा 1 से 12 तक के सभी विषयों की वीडियो क्लासेज, नोट्स, और ऑनलाइन टेस्ट मिलते हैं। साथ ही, यह पोर्टल शिक्षकों को भी ट्रेनिंग देता है और अभिभावकों को बच्चों की प्रोग्रेस रिपोर्ट दिखाता है।
पहले क्या समस्या थी?
पहले इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए Aadhaar कार्ड ज़रूरी था। मगर, गाँवों और गरीब परिवारों के बहुत से बच्चों के पास Aadhaar नहीं होता था। कारण चाहे पते का प्रमाण न होना हो या फिर माता-पिता का जागरूक न होना, ऐसे बच्चे पोर्टल का फायदा नहीं उठा पाते थे।
नया बदलाव: Aadhaar नहीं तो कोई बात नहीं
सरकार ने अब यह नियम बदल दिया है। अब बच्चे इनमें से किसी भी दस्तावेज़ के साथ पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं:
- जन्म प्रमाण पत्र
- स्कूल की ID कार्ड
- माता-पिता का राशन कार्ड या वोटर ID
- अगर कोई दस्तावेज़ नहीं है, तो स्कूल प्रिंसिपल का लिखा हुआ प्रमाण पत्र
यह कदम किन बच्चों के लिए मददगार है?
- प्रवासी मजदूरों के बच्चे: जो परिवार काम की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य जाते हैं, उनके बच्चों के पास अक्सर Aadhaar नहीं होता।
- आदिवासी इलाकों के बच्चे: दूरदराज के गाँवों में दस्तावेज़ बनवाना मुश्किल होता है।
- झुग्गी-बस्तियों के बच्चे: जहाँ पते का प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता।
सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?
- शिक्षा का अधिकार (RTE): कानून कहता है कि 6 से 14 साल के हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए। Aadhaar की अनिवार्यता इस कानून के खिलाफ थी।
- कोविड के बाद की ज़रूरत: लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई का चलन बढ़ा, लेकिन गाँवों में 30% बच्चे इंटरनेट या दस्तावेज़ न होने के कारण पीछे रह गए।
- डेटा सुरक्षा की चिंता: कुछ अभिभावक Aadhaar डेटा लीक होने के डर से पोर्टल से दूर रहते थे।
4 प्रमुख बदलाव
- नो आधार, नो प्रॉब्लम
- वैकल्पिक दस्तावेज: जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल आईडी, राशन कार्ड या प्रिंसिपल का प्रमाणपत्र।
- SC/ST बच्चों के लिए विशेष: आंगनवाड़ी रिकॉर्ड भी स्वीकार्य।
- डिजिटल लर्निंग रिवॉल्यूशन
- कक्षा 1-12 तक सभी विषयों के 3,500+ एनिमेटेड वीडियो।
- हिंदी/स्थानीय भाषा में कंटेंट।
- पेरेंट-टीचर कनेक्ट
- रियल-टाइम प्रोग्रेस रिपोर्ट।
- ऑटोमैटिक अटेंडेंस अलर्ट SMS के माध्यम से।
- योजनाओं का सीधा लाभ
- पंजीकृत बच्चों को मिड-डे मील, छात्रवृत्ति और नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें।
E-Shikshakosh के फायदे: गाँव से शहर तक हर बच्चे तक पहुँच
- मुफ्त और आसान पढ़ाई: पोर्टल पर सभी कोर्स मुफ्त हैं। बस इंटरनेट और मोबाइल/लैपटॉप चाहिए।
- शिक्षकों की मदद: टीचर्स ऑनलाइन बच्चों की कमजोरियाँ पहचान सकते हैं और उन्हें एक्स्ट्रा क्लास दे सकते हैं।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: जो बच्चे पोर्टल पर रजिस्टर होंगे, उन्हें मिड-डे मील, किताबें, या छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का फायदा आसानी से मिलेगा।
कैसे करें रजिस्टर? स्टेप बाय स्टेप गाइड
- वेबसाइट पर जाएँ: E-Shikshakosh.gov.in खोलें।
- ‘रजिस्टर हियर’ पर क्लिक करें: बच्चे का नाम, उम्र, और स्कूल का नाम भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: Aadhaar की जगह जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल आईडी अपलोड करें।
- सबमिट करें: फॉर्म जमा करने के बाद, एक यूजर आईडी मिलेगी। इससे लॉगिन करके पढ़ाई शुरू करें!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या रजिस्ट्रेशन के बाद आधार जोड़ सकते हैं?
हाँ, “प्रोफाइल अपडेट” सेक्शन में बाद में आधार जोड़ सकते हैं।
Q2. पोर्टल पर कौन-कौन से विषय उपलब्ध हैं?
गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाएँ (भोजपुरी, मैथिली)।
Q3. बिना स्मार्टफोन के कैसे एक्सेस करें?
कम्यूनिटी सेंटर (आंगनवाड़ी/पंचायत भवन) में फ्री कंप्यूटर एक्सेस।