E-Shikshakosh दूसरे स्कूल के छात्र या ड्रॉपआउट छात्र को कैसे जोड़ें, यह से देखे सभी जानकारी

E-Shikshakosh

बिहार सरकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म E-Shikshakosh ने शिक्षकों के लिए ड्रॉपआउट छात्रों या दूसरे स्कूल के छात्र को दोबारा स्कूल सिस्टम में जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। यदि आप किसी दूसरे स्कूल के छात्र को अपने स्कूल में एडमिट करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

छात्र जोड़ने के लिए जरूरी दस्तावेज

  1. छात्र का आधार कार्ड
  2. पिछले स्कूल का ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC)
  3. जन्म प्रमाण पत्र
  4. अभिभावक का पहचान प्रमाण (आधार/वोटर आईडी)
  5. ड्रॉपआउट का कारण बताता हुआ अभिभावक का अफीडेविट

eShikshakosh पर ड्रॉपआउट छात्र जोड़ने का तरीका

चरण 1: ई-शिक्षकोश पोर्टल पर लॉगिन करें

चरण 2: ‘छात्र प्रबंधन’ सेक्शन पर जाएं

  • डैशबोर्ड में “छात्र प्रबंधन” > “नया प्रवेश” चुनें।
  • “ड्रॉपआउट छात्र जोड़ें” का विकल्प सेलेक्ट करें।

चरण 3: छात्र का विवरण भरें

  • पूर्व स्कूल का विवरण:
    • पुराने स्कूल का नाम और UDISE कोड
    • कक्षा जिसमें छात्र ने पढ़ाई छोड़ी
    • ड्रॉपआउट का वर्ष
  • नया विवरण:
    • छात्र का पूरा नाम और जन्म तिथि
    • वर्तमान पता और अभिभावक का संपर्क नंबर
    • जिस कक्षा में प्रवेश देना है

चरण 4: दस्तावेज अपलोड करें

  • सभी जरूरी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें:
    • ट्रांसफर सर्टिफिकेट (PDF, 2MB से कम)
    • आधार कार्ड की कॉपी
    • अफीडेविट (ड्रॉपआउट कारण का विवरण)

चरण 5: आवेदन सबमिट करें

  • “प्रिव्यू” पर क्लिक करके डिटेल्स चेक करें।
  • “सबमिट” बटन दबाएं।
  • रेफरेंस नंबर नोट कर लें।

आवेदन की स्थिति कैसे ट्रैक करें?

  1. “ट्रैक एप्लीकेशन” सेक्शन में जाएं।
  2. रेफरेंस नंबर डालें।
  3. स्टेटस देखें:
    • प्रोसेसिंग: जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के पास भेजा गया
    • अप्रूव्ड: छात्र का प्रवेश कन्फर्म
    • रिजेक्टेड: कारण सहित सूचित किया जाएगा

महत्वपूर्ण नियम और शर्तें

  • समय सीमा: प्रवेश प्रक्रिया 15 कार्यदिवसों में पूरी होगी।
  • आयु सीमा: छात्र की आयु निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • पुराने स्कूल से NOC: ट्रांसफर सर्टिफिकेट में पुराने स्कूल प्रधानाचार्य का हस्ताक्षर जरूरी।

समस्याएँ और समाधान

पुराना स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं दे रहा?

  • जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को शिकायत भेजें।
  • eShikshakosh के “शिकायत प्रबंधन” सेक्शन का उपयोग करें।

ड्रॉपआउट छात्र जोड़ने के फायदे

  • छात्र का भविष्य संवारना: शिक्षा पूरी करने का मौका मिलेगा।
  • स्कूल का रिकॉर्ड सुधरना: ड्रॉपआउट दर कम होगी।
  • सरकारी अनुदान: ड्रॉपआउट छात्रों के प्रवेश पर विशेष फंडिंग मिलती है।

निष्कर्ष: हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार

E-Shikshakosh पोर्टल ने ड्रॉपआउट छात्रों को मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया को आसान बनाया है। इस गाइड के साथ, आप किसी भी पिछड़े बच्चे को सशक्त बना सकते हैं।

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